Breaking News

श्यामा जी तेरिया आरतिया


नी मैं रल भगता नाल गावा श्यामा जी तेरिया आरतिया

हाथ मेरे में गंगा जल गड़वी,
मैं श्याम दे चरन धुलावा श्यामा………..

हाथ मेरे में चन्दन रोली,
मैं श्याम जी नु तिलक लगावा श्यामा……….

हाथ मेरे में फूलों वाली माला,
मैं श्याम जी नु हार पहनावा श्यामा…………

हाथ मेरे में माखन मिश्री,
मैं श्याम जी नु भोग लगावा श्यामा…………

संग श्याम दे राधा विराजे,
मैं जोड़ी तो वारे वारे जावा श्यामा…………

नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया
कान्हा – कान्हा  रट के मैं तो हो गई रे बावरिया

बेदर्दी मोहन ने मोहे फूँका ग़म की आग में
बिरहा की चिंगारी भर दी दुखिया के सुहाग में
पल-पल मनवा रोए छलके नैनों की गगरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे…

आई थी अँखियों में लेकर सपने क्या-क्या प्यार के
जाती हूँ दो आँसू लेकर आशाएं सब हार के
दुनिया के मेले में लुट गई जीवन की गठरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे…

दर्शन के दो भूखे नैना जीवन भर न सोएंगे
बिछड़े साजन तुमरे कारण रातों को हम रोएंगे
अब न जाने रामा कैसे बीतेगी उमरिया
नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे…

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....