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दुष्टों से दूरी भली!!

एक बार एक दुष्ट बाघ के गले में हड्डी फंस गई। अब न तो वह ठीक से सांस ले पा रहा था। न ही बोल पा रहा था। बहुत प्रयास करने के बाद भी वह हड्डी नहीं निकाल पाया। वह इस तकलीफ से निजात पाने के लिए मदद ढूंढने लगा। वह सभी जानवरों के पास गया। सबसे गले में फंसी हड्डी निकालने को कहा। साथ ही उसने यह प्रलोभन भी दिया कि जो उसके गले में फंसी हड्डी निकालेगा। उसे वह ईनाम भी देगा।

जंगल के सभी जानवर उसके दुष्ट स्वभाव से परिचित थे। इसलिये किसी ने उसकी मदद नहीं की। बाघ निराश हो चुका था। तभी उसे एक बगुला दिखाई दिया। बगुले को देखकर उसके मन में आशा जगी। बगुले के पास जाकर उसने कहा, “मेरे गले में एक हड्डी फंस गई है। जिसके कारण मैं बहुत तकलीफ में हूँ। तुम्हारी चोंच लंबी है। इससे तुम मेरे गले में फंसी हड्डी निकाल दो। मैं तुम्हें ईनाम दूंगा।

बगुला ईनाम के लालच में तैयार हो गया। उसने अपनी लम्बी चोंच बाघ के गले में डालकर हड्डी निकाल दी। बाघ की तकलीफ दूर हो गयी। वह जोर से दहाड़ा और जाने लगा। ईनाम के बारे में कोई बात न करते देख बगुले ने ईनाम के बारे में पूछा। इस पर बाघ बोला, “तू पागल है क्या? तेरी चोंच मेरे मुंह में जाकर भी सही सलामत वापस आ गयी। यह क्या किसी ईनाम से कम है? तुझे देखकर मेरी भूख फिर से जाग रही है। भाग जा, नहीं तो मैं तुझे भी खा जाऊंगा।

यह सुनकर बगुला मन मसोसकर रह गया और वहां से उड़ जाने में ही अपनी भलाई समझी।

Moral of Story- सीख

दुष्टों की संगति से हमेशा बचना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग कभी किसी का भला नहीं कर सकते।

गरीब भक्त की कहानी

एक गाँव में एक निर्धन व्यक्ति रहता था। वह इतना निर्धन था कि मुश्किल से अपने परिवार के लिए एक वक्त का खाना जुटा पाता था। लेकिन उसने कभी अपनी निर्धनता की शिकायत किसी से नहीं की। उसके पास जो कुछ था, वह उसी में संतुष्ट था। वह देवी का बहुत बड़ा भक्त था। इसीलिए वह पूजा करने के लिए हमेशा मंदिर जाता था। मंदिर जाने के बाद ही वह अपने कार्य पर जाता था।

एक दिन देवी को अपने इस गरीब भक्त पर दया आ गई। इसलिए एक दिन सुबह-सुबह देवी ने अपनी दिव्य शक्ति से मंदिर के बाहर एक सोने के सिक्कों से भरा थैला रख दिया।

वह भक्त मंदिर आया और आँखें बंद करके मंदिर के चारों ओर देवी का ध्यान करते हुए परिक्रमा करने लगा। आँखें बंद होने के कारण वह सोने के सिक्कों से भरा थैला नहीं देख पाया और यूँ ही चला गया।

Moral of Story- सीख ‘समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता।’.

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