एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए. इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया.
वही फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया.
कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया. वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया. ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका. ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा.
शेर की दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी. वही पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है. जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी. बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए.
सीख
इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है.