सुन ले कृष्ण कन्हियाँ तेरी बंसी के सुर जब बजईया
मन नाचे ता ता थाईया,
गाऊ जब मैं तेरे भजन हो जाते सब लोक मगन
बचे बूढ़े सारे मिल के करते मेरे संग तेरा बंधन
कोई झूमे और गाये कोई तालियाँ भ्जाये कोई आंखे बंद करके मन ही मन गुनगुनाये
तेरी प्रीत में सुध बुध खो कोई करता नाच नचियाँ,
सुन ले कृष्ण कन्हियाँ तेरी बंसी के सुर जब बाजे
मन जब भी गबराता है तेरे भजन ये गाता है
उल्जन कैसी भी आ जाए तू ही उसे सुल्जाता है,
चाहे कष्ट आये या गम कोई सताए
तेरे भजनों के संग में मन हर दम मुस्कुराए
अंकुस क्या डर दुनिया का जब कान्हा है रख वियां,
सुन ले कृष्ण कन्हियाँ तेरी बंसी के सुर जब बाजे…………….,
कभी ना भुलाना मुझे साँवरे तू,
येही मांगता हु यही चाहता हु,
मैं जी ना सकू गा बिन तेरे बाबा,
तुम्हारी दया की नजर चाहता हु,
कभी ना भुलाना मुझे साँवरे तू
मेरी ज़िन्दगी में बहारे है तुमसे,
दुनिया के सारे नज़ारे है तुमसे,
कभी न हटाना तेरा हाथ सिर से,
येही मांगता हु यही चाहता हु,
मैं जी ना सकू गा बिन तेरे बाबा,
तुम्हारी दया की नजर चाहता हु,
कभी ना भुलाना मुझे साँवरे तू,
ख्वाइश ये मेरी जाता रहु मैं,
भजनो की गंगा बहाता रहु मैं,
कभी न कमी हो तेरी बंदगी में,
येही मांगता हु यही चाहता हु,
मैं जी ना सकू गा बिन तेरे बाबा,
तुम्हारी दया की नजर चाहता हु,
कभी ना भुलाना मुझे साँवरे तू,
तेरे प्रेमियों में हिंसा बनु मैं,
श्याम कहे ऐसा किसा बनु मैं,
जिसे सुनके बाबा तू मुस्कुराये,
येही मांगता हु यही चाहता हु,
मैं जी ना सकू गा बिन तेरे बाबा,
तुम्हारी दया की नजर चाहता हु,
कभी ना भुलाना मुझे साँवरे तू………….