कबसे धरा सिसकती कान्हा तुझको रही पुकार,अब तो लेलो रे अवतार अब तो लेलो रे अवतार,आकर बोझ उतारो मेरा ओ मेरे आधार,अब तो लेलो रे अवतार अब तो लेलो रे अवतार। पाप बढ़ा है धर्म घटा है, घटती जाए उमरियां,दीन दुखी लाचार की अब, ना लेता कोई खबरिया,सभी व्यवस्थित करो प्रभु, अब वृकिट बहुत संसार,अब तो ले लो रे अवतार, …
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