बहुत पुरानी बात है, एक सेठ था दिल का उदार। उसके पास विलासिता की सभी वस्तुएं मौजूद थीं। एक दिन वह संत को अपना बंगला दिखाने लाया। संत अलमस्त थे और सेठ अपने बड़प्पन की डीगें हांकने में व्यस्त था। संत को उसकी हर बात में अहम् ही नजर आता था। संत ने उसकी मैं-मैं की महामारी मिटाने के उद्देश्य …
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माँ की ममता
एक छोटेसे कसबे में समीर नाम का एक लड़का रहता था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, समीर की माँ कुछ पढ़ी-लिखी ज़रुर थीं लेकिन उतनी पढाई से नौकरी कहाँ मिलने वाली थी सो घर-घर बर्तन मांज कर और सिलाई-बुनाई का काम करके किसी तरह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा …
Read More »आसान तरीका
मोहन काका अपनी बैल गाड़ी पर अनाज की एक बोरी चढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। बोरी काफी वजनी थी इसलिए उन्हें कुछ दिक्कत हो रही थी ; तभी एक राहगीर उनके पास आया और बोला, ” आप जिस तरीके से बोरी चढ़ा रहे हैं वो गलत है …मेरे पास एक आसान तरीका है …” यह सुन काका कुछ क्रोधित …
Read More »बदलाव
बूढ़े दादा जी को उदास बैठे देख बच्चों ने पूछा , “क्या हुआ दादा जी , आज आप इतने उदास बैठे क्या सोच रहे हैं ?” “कुछ नहीं , बस यूँही अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोच रहा था !”, दादा जी बोले . “जरा हमें भी अपनी लाइफ के बारे में बताइये न …”, बच्चों ने ज़िद्द्द की . …
Read More »महाकवि कालिदास और विक्रमादित्य | प्रेरक प्रसंग
महाकवि कालिदास राजा विक्रमादित्य के प्रमुख दरबारियों में से एक थे। एक बार राजा विक्रमादित्य ने उनसे प्रश्न किया; महात्मन आप इतने बड़े विद्वान हैं लेकिन आपका शरीर आपकी बुद्धि के अनुसार सुन्दर नहीं है। इसकी वजह क्या है? कालीदास उस समय चुप रहे। और बात को टाल गए। कुछ दिन बाद महाराज ने अपने सेवक से पीने के लिए पानी …
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