श्री राम जपो रघुवंश मणि, मिट जाए तीनो तापकाल काँपे, जम थरथरे, ऐसा है नाम प्रताप भज राम सिया मूरख जिया,अइसन सुन्दर देहिया बार बार ना मिली,बिना भजन के देहिया भाव से पार ना चली भज राम सिया मूरख जिया,अइसन सुन्दर देहिया बार बार ना मिली,बिना भजन के देहिया भाव से पार ना चली भज राम सिया मूरख जिया,अइसन सुन्दर …
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