दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय |दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय | दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय | जो सुख में सुमिरन करै, दु:ख काहे को होय कबीर, दु:ख काहे को होय ॥ दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय | दु:ख में …
Read More »Tag Archives: सुमिरन
ओ माँ हमे अपने चरणों से लगा ले जीण माता भजन
मेरे मन की वंदना…माँ तू ही, मेरे दिल की अर्चना…माँ तू ही, सच्ची आराधना…माँ तू ही, जीवन की कामना….माँ तू ही, जिस दिन से आये तेरे शरण खुशियों से महका ये जीवन, जनमो जनम तेरे हैं हम,अब तू ही हमे संभाले, ओ माँ हमे अपने चरणों से लगा ले,हमको अपना बना ले, हमको चरणों से लगा ले…. हमको तेरा ही …
Read More »