मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।
Read More »Tag Archives: अनमोल
तू किसके भाग्य का खा रहा है?
एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन है.नारदमुनि ने कहा – भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगानारदमुनि ने कहा- 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है.आदमी बहुत खुश रहने लगा, उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी.एक दिन उसके मित्र ने कहा में तुम्हारे सादगी जीवन और खुश देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं और …
Read More »अपनी वाणी मेअमृत भोल ओ रास्ना राधे भोल
यह भोल बड़े अनमोल, ओ रास्ना राधे 2 भोल राधाजी बरसाने वारी, राधाजी वृषभन दुलारी दो अक्षर आधार जगत के, ये अक्षर अनमोल ओ रास्ना राधे 2 भोल राधाजी महारस रचावे, राधाजी नंदलाल रिज़वे इस छवि को भुरकर नैनें मैं अंतर के पट्ट खोल, ओ रास्ना राधे 2 भोल बिन राधा नही सजे मुरारी, बिन राधा नही मिले बाँवरी इनके …
Read More »कैसे चुकाओ इन्न सांसो का मोल रे
जानम देने वेल इतना तो बोल ऱेखैसे चुकाओ इन्न सांसो का मोल रे जानम देने वेल इतना तो बोल रे तेरी कृपा से मिला मुझको ये तंन जिसमे बसओ तुझे दिया है वो मॅन तेरी कृपा से मिला मुझको ये तंन जिसमे बसओ तुझे दिया है वो मॅन तंन की तो खोली आँखे मॅन की भी खोल रे तंन …
Read More »