अपने मन को ही मंदिर बना लोश्याम सुंदर को उस में बिठा लो चाहे देश में रहो प्रदेश में रहोकिसी वेश में रहो परिवेश में रहोअपने मन में प्रभु को बसा लोश्याम सुंदर को उस में बिठा लो उनकी करुना में कोई कमी है नही उनको पा लो कही तुम बुला लो कहीउनके चरणों को कुर से लगा लो श्याम …
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अपने मन को ही मंदिर बना लो
अपने मन को ही मंदिर बना लोश्याम सुंदर को उस में बिठा लो चाहे देश में रहो प्रदेश में रहोकिसी वेश में रहो परिवेश में रहो अपने मन में प्रभु को बसा लोश्याम सुंदर को उस में बिठा लो उनकी करुना में कोई कमी है नही उनको पा लो कही तुम बुला लो कहीउनके चरणों को कुर से लगा लो …
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