अरी मेरो मारग रोक्यो कृष्ण कन्हैया ने,मैया मोहे बहुत दुख दीन्यो दाऊ के भैया ने,,,,, मारग में मिल गये नन्द लाला,संग मै लिए बहुत से ग्वालाअरी मेरो घुंगट खोल्यो बंसी बजैया ने,अरी मेरो मारग रोक्यो कृष्ण कन्हैया ने,,,, माखन की जो पटक दई मटकी,मेरी बाँह पकड़ के झटकी,अरी चूड़ियाँ चटकाई रास रचैया ने,अरी मेरो मारग रोक्यो कृष्ण कन्हैया ने,,,,, फेंक …
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