श्याम तेरे मैं दर पे खड़ा हूँदर्शन को तेरे आया हूँचरणों में मैं तेरे अर्पणखाली झोली लाया हूँदर्शन को तेरे आया हूँ कहाँ गए संग जो बिताये दिनकैसे कोई जिए श्याम तेरे बिनओ श्याम तुझे ढूंढू मैं कहाँतेरे बिना सूना है जहांकौन भला दुनिया में तेरे बिना जी सकेकोई कह दे क्यों रूठा मेरा श्यामआखिर क्यों रूठा मेरा श्याम सूरज …
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