द्वारका में रखा सुदामा ने पहला कदमउसी पल हो गई आँखें कान्हा की नमद्वारका में रखा सुदामा ने…………. कैसे दौड़े कन्हैया कुछ कहा नहीं जाएबिना मिले मेरे श्याम से अब रहा नहीं जाएकान्हा को देख सुदामा भी भूल गए ग़मउसी पल हो गई आँखें कान्हा की नमद्वारका में रखा सुदामा ने…………. अपने हाथों से कान्हा छप्पन भोग खिलायेसब रानिया सेवा …
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