एह श्याम मैं हार गया मुझे अपनी शरण लेलोकरुनानिधि केहलाते हो मुझपे भी किरपा कर दो…… दुनिया ने सताया है अपनो ने रुलाया है,तकदीर का मारा हु अब दर तेरा पाया है, तुम ना मुझे ठुकराना चाहे प्राण मेरे लेलोकरुनानिधि केहलाते हो मुझपे भी किरपा कर दो……. अब हार गया मोहन दुखड़ो ने घेरा है,नही मेरा कोई तुम बिन चहु …
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