ऐ मालिक तेरे बन्दे हमऐसे हों हमारे करमनेकी पर चलें और बदी से टलेंताकि हंसते हुए निकले दम… ये अँधेरा घना छा रहा तेरा इंसान घबरा रहाहो रहा बेखबर, कुछ न आता नज़रसुख का सूरज छुपा जा रहाहै तेरी रौशनी में जो दमतू अमावास को कर दे पूनमनेकी पर चलें और बदी से टलेंताकि हंसते हुए निकले दम,ऐ मालिक तेरे …
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