लगी लगन बस नाम का तेरे बसी है तू हर सासनैनो से तूने अपनी मुझपे चलाई एसी वानओ राधा बनी तू मेरी जान झूठी है तेरी बात सभी मैं रहू न तेरे साथमानु गी न जिद तेरी मैं अब मन में ली है ठान,ओ कान्हा बनू न तेरी जान वृंदावन में रास रचाये आजा दोनों मिल केक्यों न समजे राधा …
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