सुन यशोदा माँ यशोदा,तेरो बिगड़ गयो नन्द लाल कहियो रे यशोदा ने,कंकर मार के मटकी फोडे,पकड़ के मोरी ऊँगली मरोड़े वो डाले रे वो प्रेम का जालकहियो रे यशोदा ने…… समजाने से बाज न आयेहम न्हाहे यो वस्त्र चुराए जा बैठे पेड़ की डाल,कहियो रे यशोदा ने, हम क्या डांटे है बडो छोटोकाम करे सब से छोटो जाने है सारे …
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