तुमसा कोई छलिया कोई बदनाम नही हैकान्हा तेरी मुरली सी कोई तान नही हैमुरली के सिवा तेरा कही ध्यान नही हैअपनी नजर की खुद तुम्हे पहचान नही है घर घर में जाए खाए कभी फोड़ गगरियाँतुम मैया यशोदा के हो मासूम सांवरियांजाए कभी बरसने कभी नन्द नगरिया,चाहे घटा चाहे बरसे काली बदलियाँतुम सा कोई रसिया कोई रस पान नही हैकान्हा …
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