रिम झिम बारिश बरसे मन मधुर मिल्न को तरसेतेरा कब से करू मैं इंतज़ार आजा ओकान्हा मधुवन में मिलने इक वार आ जाओ पुरवा पवन प्यास मन में जगाएआ जाओ कान्हा याद तेरी सताएदिल को आवे चैना तेरी राह निहारे नैनामैं तो कब से हुई हु बेकार आजाओकान्हा मधुवन में मिलने इक वार आ जाओ सज के सवर के खड़ी …
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