कितने गिनाऊ एहसान तूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे, लायक नही था फिर भी ना जाने मुझे में क्या ऐसा देखापापी अधम था तूने पलट दी मेरी कर्मो की रेखाजग में बडाया मेरा मानतूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे, तेरी शरण में क्या मैं बताऊ मैंने क्या क्या है पायामुश्किल डगर पे संग संग चला है मेरे बन कर के …
Read More »