सखी मथुरा जी में ग्वालियाँ मोये छेड़ा मुरलियां वाले ने सिर पे धरी है दही की मटकीगैल चंक में चुनर झटकीकशु खायो कशु भिखरायो,ढोर काई दो मुरलिया वाले नेमोये छेड़ा मुरलियां वाले ने तेरे कान्हा ने कमाल कियागल में गल बहियाँ डाल दियांमैं बेदर्दी के पाले पड़ीध्मकाई दी मुरलियां वाले नेमोये छेड़ा मुरलियां वाले ने क्यों गोपी दोष लगावे क्यों …
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