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Tag Archives: कृष्ण

श्री कृष्ण चालीसा

krishan chalisa

॥ दोहा॥बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज ।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ ॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ …

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श्री कृष्ण के कंजूस भक्त की कथा

एक बार एक कंजूस सेठ करोड़ी मल था। कंजूसी में उसका हाल ऐसा की चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए। वह #श्रीकृष्ण का भक्त था। एक बार वह संत के पास गया और कहने लगा कि महाराज कोई ऐसा उपाय बताए जिससे मैं श्री कृष्ण की सेवा भी कर सकूं और मेरा कोई पैसा भी ना लगे।संत जी उसकी कंजूसी …

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सेवा से भौतिक लाभ

सत्यराम 🙋🏻यदि कोई व्यक्ति भक्ति सेवा से भौतिक लाभ चाहता है, तो कृष्ण ऐसी भौतिकवादी इच्छाओं की निंदा करते हैं। भक्ति सेवा में संलग्न रहते हुए भौतिक ऐश्वर्य की इच्छा करना मूर्खता है। यद्यपि व्यक्ति मूर्ख हो सकता है, कृष्ण, सर्व-बुद्धिमान होने के नाते, उसे अपनी भक्ति सेवा में इस तरह संलग्न करते हैं कि वह धीरे-धीरे भौतिक ऐश्वर्य को …

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कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था।

the-love-of-krishna-and-sudama-was-very-deep

कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे। कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते। एक दिन दोनों वनसंचार के लिए गए और रास्ता भटक गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक ही फल लगा था। कृष्ण ने घोड़े पर चढ़कर फल …

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कृष्ण, बलराम और राक्षस

Colorful religious krishna janmashtami card background

जय श्री कृष्णा आज हम आपके सामने एक बार फिर कृष्ण और बलराम की एक ऐसी लीला लेकर आये हैं जिससे हमें यह सीखने को मिलता है की हमें अपने जीवन में हर समस्या का कैसे सामना करना चाहिए एक दिन कृष्ण और बलराम घूमते , घूमते घने जंगल की ओर चले गए …। बलराम बोले, “ पर इस घने …

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मैं तो कृष्ण हो गया !

Main to kriṣṇa ho gayaa

  भगवान ! मेरा उद्धार करो ! मेरी नौका पार लगाओ । मेरे पापों के बोझ से बस, यह डूबना ही चाहती है । बड़ी जीर्ण है यह, और फिर ऊपर से बोझ बेतौल है । विपरीत बयार बह रही है, चारों और घोर अंधकार छाया हुआ है, हाथों हाथ नहीं सूझता । खेने की कला भी नहीं मालूम । …

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पाण्डव अर्जुन और कृष्ण मैत्री

Adi Guru Shri Krishan

  महाभारत में पाण्डव विजयी हुए । छावनी के पास पहुंचने पर श्रीकृष्णने अर्जुन से कहा कि ‘हे भरतश्रेष्ठ ! तू अपने गाण्डीव धनुष और दोनों अक्षय भाथों को लेकर पहले रथ से नीचे उतर जा । मैं पीछे उतरूंगा, इसी में तेरा कल्याण है ।’ यह आज नयी बात थी, परंतु अर्जुन भगवान के आज्ञानुसार नीचे उतर गये, तब …

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भक्ति की शक्ति

Aisi Lagi Lagan , Merya Ho Gayi Magan

एक बार तुलसीदास जी वृन्दावन आये वहॉ पर वह नित्य ही कृष्ण स्वरूप श्री नाथजी के दर्शन को जाते थे उस मंदिर में एक महंत थे जिनका नाम परशुराम था एक दिन जब नित्य कि तरह तुलसी बाबा दर्शन करने पहुँचे तो उनहोंने देखा कि बंशी लकुट काछनी काछे मुकुट माथ माला उर आछे प्रभु के एक हाथ में बंशी …

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दूजा नाहीं मन भायो

Duja NahiMan Bhayo bhajan

जब से तोरे संग नेहा लागे कान्हा दूजा नाहिं मन भायो दूजा नाहीं मन भायो मनवा मोरा इत उत डोलत इक पल चैन न पाए तोरी प्रीत की डोरी संग बंध इत उत जा ना पाए चरणों में मुझे ले लो प्रभुजी अब ना भटका जाए आ जा रे मोरे कान्हा आ जा रे (३) दोउ नैना बाट निहारे तोरी …

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पिया सों मिलन कैसे होय री

Piya so milan kaise hoye re

हरे कृष्ण हरे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण मैं जानूँ नहीँ पिया सों मिलन कैसे होय री कृष्ण कृष्ण कृष्ण हर आहट पे सोच लेती आये होंगे सांवरियां धड़ धड़ धड़के लागे जियरा लूंगी उनकी खबरिया आये नाहिं संवरिया मैं जानूँ नहीँ पिया सों मिलन कैसे होय री हरे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण मन ही मन …

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