कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैनकहीयो उह्दो कान्हा जी से बरसात है नित नैनकैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन ग्वाल बाल संग गाये चराए माखन मटकी फोड़ गिराएकारी भर जोरी बहियाँ मरोड़ी बोलत है मरिगु वेनकैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन सत …
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