रानी ने शिकायती लहजे में अपने भाई मोहन से कहा.... फैक्ट्री से घर लंच करने आएं मोहन ने भी जैसे ही पहला कौर सब्जी के साथ लगाकर खाया तो वह भी गुस्से से बोला.... सुधा ये क्या हैं ध्यान कहां रहता है तुम्हारा सब्जी में इतना ज्यादा नमक
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ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे
ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे? कहता हुआ एक पंचवर्षीय बालक बाबू रामजीदास की ओर दौड़ा।बाबू साहब ने दोंनो बाँहें फैलाकर कहा
Read More »ज्यादा अच्छे मत बनो, नहीं तो हमेशा दुखी रहोगे
मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …
Read More »जीवन की सच्चाई
जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है , पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है , अच्छे दोस्त उन सितारों की तरह होते हैं जो भले ही रोशनी में दिखाई देते हों , पर हमेशा साथ रहते हैं। ताजुब न कीजिएगा अगर कोई दुश्मन भी आपकी खैरियत पूछ जाए , यह वह दौर है जहां मुलाकात में …
Read More »इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे
इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे उधर दशरथ घर भगवान जन्मे महलों में में आनंद इधर पवन पिता झूम रहें मन खुशियाँ अयोध्यामें हनुमान के रूप में खुद त्रिलोकी राम के रूप में खुद श्री विष्णु हनुमान खेलेंगे कुटिया में श्रीराम खेलेंगे आँगन में इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे… सोने के पालने में श्री राम झूले मैया की बहियाँ में हनुमान …
Read More »मेरे नाम का गुब्बारा
एक बार पचास लोगों का ग्रुप किसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था। सेमीनार शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ” आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया। अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे …
Read More »सबसे कीमती तोहफ़ा
मोहन काका डाक विभाग के कर्मचारी थे। बरसों से वे माधोपुर और आस पास के गाँव में चिट्ठियां बांटने का काम करते थे। एक दिन उन्हें एक चिट्ठी मिली, पता माधोपुर के करीब का ही था लेकिन आज से पहले उन्होंने उस पते पर कोई चिट्ठी नहीं पहुंचाई थी। रोज की तरह आज भी उन्होंने अपना थैला उठाया और चिट्ठियां …
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