घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार,अर र र, थारी गाडूली के लार,गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,जाणों है नगर अंजार| नरसी बोल्यो म्हारे सागे, के करसी,ओढ़न कपडा नाहीं,बैठ सियां मरसी,बूढ़ा बैल टूट्योड़ी गाड़ी,पैदल जावे हार,अर र र, पैदल जावे हार,गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,जाणों है नगर अंजार| ज्ञान दासजी कहवे गाडुली तोड़ेगा,ज्ञान दासजी कहवे तूमड़ा फोड़ेगा,घणी भीड़ …
Read More »Tag Archives: घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार
घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार
घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार,अर र र, थारी गाडूली के लार,गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,जाणों है नगर अंजार। नरसी बोल्यो म्हारे सागे, के करसी,ओढ़न कपडा नाहीं,बैठ सियां मरसी,बूढ़ा बैल टूट्योड़ी गाड़ी,पैदल जावे हार,अर र र, पैदल जावे हार,गाड़ी में बिठा ले रे बाबा,जाणों है नगर अंजार। ज्ञान दासजी कहवे गाडुली तोड़ेगा,ज्ञान दासजी कहवे तूमड़ा फोड़ेगा,घणी भीड़ …
Read More »