फागुन आया सजी खाटू नगरियां,खाटू नगरिया में घूमे है सांवरियां, मेरा संवारा सलोना घनश्याम घूम रहा नीले चढ़ के,देखो खाटू के मेले में बाबा श्याम घूम रहा नीले चढ़ के, नीले पे मक़बली जीन सजाई है,घुंगरू की शन शन देती सुनाई है,हीरे मोतियों से जड़ी है लगाम घूम रहा नीले चढ़ के, केसरियां भागा बाबा श्याम ने सजाया है,मोटी मोटी …
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