बाँध के पटके जय माँ की रटके उचे पर्वत चड बेखट केचलो भगतो ज्योता वाली के द्वारेजय ज्वाला माँ तेरी जय ज्वाला माँ महासती की जगजनी माँ की पावन जीबा गिरी याहा,संकट हरनी जवाला माँ का अध्बुत मंदिर है वाहा,उसकी करुना की गंगा में दुभ्की जो भी लगाते हैकाले कर्मो के कागा भी हंस वाहा बन जाते हैहर निर्बल को …
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