जब कोई तकलीफ सताए जब जब मन गबराता है,मेरे सिरहाने खड़ा कन्हिया सिर पे हाथ फिराता हैजब कोई तकलीफ सताए जब जब मन गबराता है| लोग ये समजे मैं हु अकेला मेरे साथ कन्हिया है,दुनिया समजे डूब रहा मैं चल रही मेरी नैया हैजब जब लेहरे आती है ये खुद पतवार चलाता हैमेरे सिरहाने खड़ा कन्हिया सिर पे हाथ फिराता …
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