जब श्याम की यादें आती है,तब राधा यूं घबराती है।। राह तुम्हारी तक तक कर,आंख भी थक थक जाती है…..-iiपर पाए ना तू,पाए ना तू आँख तुम्हारी,झर झर नीर जो बहती हैं,जब श्याम की यादे आती है,तब राधा यूं घबराती है।। तुम बिन सूना है जीवन,तुम बिन सूना है आंगन है….-iiपर हे मन मोहन,हे मन मोहन मुझ को प्रीतम,तेरी याद …
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