रावण मंदोदरी से कहता है:- जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी, मैंने बाज़ी लगाई है जान की। मुझको परवा नहीं अपनी जान की, मैं चुरा लाया मैं राम की जानकी। तेरा बीटा जला, मेरी लंका जली, अब ना वापिस करूँगा मैं जानकी॥ मेरे महलो की रानी बने जानकी, तेरे पास बिठाऊंगा मैं जानकी। मेरे मन में बसी उस दिन जानकी, …
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