उस पर रंग फिर दूसरा ना चढ़ता,जिस पे तू रंग अपना चढ़ा दे,जिसको सर पे है तूने चढ़ाया,किस की ओकात उसको गिरा दे,उस पर रंग फिर दूसरा ना चढ़ता,जिस पे तू रंग अपना चढ़ा दे| कर ले तूफान कितनी भी कोशिश,रास्ता रोक सकता नहीं है,धोखा देकर दुश्मन ने ख़ंजर,पीठ पर भौंक सकता नहीं है,मौत की भी नहीं इतनी हिम्मत,वक़्त से …
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