तुम बिना मैं कुछ नहीं हूँ राधिके प्रिया जो भी था मेरा मेरा समर्पित तुमको कर दिया तुम मुझसे दूर नहींमुझमे तुम समायी होमैं हु अगर काया तो तुम मेरी परछाई हो ओ राधे… क्यों भला घड़ी विरह की आज है आयीकैसे दूर रहे सकेगी तन से परछाईसागर से लहर भला कैसे अलग रह पाएंगीकृष्ण से जो दुरी हो राधा …
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