तू मेरे रूबरू मैं तेरे रूबरूरहमतों का निशाँ और क्या चाहिएतू कहे कुछ मुझे मैं कहूं कुछ तुझेऔर कुछ भी न इसके सिवा चाहिएतू मेरे रूबरू…………… चंद पल हमको देदे दीदार केख़त्म करदे ये दिन इंतज़ार केसब ये परदे हटा सामने आ ज़राअब तू ज़िद ही समझ या समझ प्रार्थनादर्द ए दिल को तुझी से दवा चाहिएतू मेरे रूबरू…………… इश्क़ …
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