बारहवीं पुतली की कहानी को सुनकर जैसे ही राजा भोज महाराज विक्रमादित्य के सिंहासन की ओर बढ़े तभी वहां पर तेरहवीं पुतली आ गई। तेरहवीं पुतली का नाम कीर्तिमती था। उसने राजा भोज को यह पूछते हुए रोक लिया कि क्या राजा विक्रमादित्य में मौजूद सभी खूबियां आपके अंदर है? राजा भोज ने हाथ जोड़ते हुए निवेदन किया कि हे …
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सिंहासन बत्तीसी की पच्चीसवीं कहानी – त्रिनेत्री पुतली की कथा!!
एक के बाद एक करके लगभलग चौबीस पुतलियों ने राजा भोज को महाराज विक्रमादित्य की कहानी के जरिए चौबीस गुणों के बारे में बता दिया था जिसे जानकर वह बहुत हर्षित हुए। इसके बाद बारी थी पच्चीसवीं पुतली की जैसे ही राजा भोज सिंहासन की ओर बढ़े उन्हें पच्चसवीं पुतली ने रोक लिया और कहानी के माध्यम से महाराज विक्रमादित्य …
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