तेरी शान तेरे जलाल कोमैंने जब से दिल में बसा लिया।मैंने सब चिराग बुझा दिए,तेरा इक चिराग जला लिया॥ तेरी आस ही मेरी आस ही,तेरी धुल मेरा लिबास है।अब मुझे तू अपना बना भी ले,मैंने तुझको अपना बना लिया॥ मुझे धुप छाव का गम नहीं,तेरे कांटे फूलों से कम नहीं।मुझे जान से भी अज़ीज़ है,जिस चमन से तेरा दीया लिया॥ …
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