प्राचीन समय की बात है। चारों ओर जल-ही-जल था, केवल भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर सोये हुए थे। उनके कान की मैल से मधु औरकैटभ नाम के दो महापराक्रमी दानव उत्पन्न हुए। वे सोचने लगे कि हमारी उत्पत्ति का कारण क्या है? कैटभ ने कहा- इस जल में हमारी सत्ता को कायम रखने वाली भगवती महाशक्ति ही हैं। उनमें …
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नारद की समस्या
एक बार देवर्षि नारद अपने पिता ब्रम्हा जी के सामने “नारायण-नारायण” का जप करते हुए उपस्थित हुए और पूज्य पिताजी को दंडवत प्रणाम किया । नारद जी को सामने देख ब्रम्हा जी ने पुछा, “नारद! आज कैसे आना हुआ ? तुम्हारे मुख के भाव कुछ कह रहे हैं! कोई विशेष प्रयोजन है अथवा कोई नई समस्या ?” नारद जी ने …
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