एक बार की बात है , मगध साम्राज्य के सेनापति किसी व्यक्तिगत काम से चाणक्य से मिलने पाटलिपुत्र पहुंचे । शाम ढल चुकी थी , चाणक्य गंगा तट पर अपनी कुटिया में, दीपक के प्रकाश में कुछ लिख रहे थे। कुछ देर बाद जब सेनापति भीतर दाखिल हुए, उनके प्रवेश करते ही चाणक्य ने सेवक को आवाज़ लगायी और कहा …
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बाके बिहारी मुजको देना सहारा
कही छूट जाएना धमान तुमारा तेरे सिवा दिल मे, समाए ना कोइ…2 लगान का ये दीपक, भुजाए ना कोई तुमि मेरी कास्ती, तुमि हू किनारा कही छूट जाएना धमान तुमारा || 1|| तेरे नाम का गीत, गाथा राहु मई2 सूभ श्याम तुजुको, रज़ता राहु मी तेरे नाम मुजकू है, प्राण नऊस प्यारा2 कही छूट जाएना धमान तुमारा || 2|| तेरे …
Read More »दूसरा दीपक
एक बार की बात है , मगध साम्राज्य के सेनापति किसी व्यक्तिगत काम से चाणक्य से मिलने पाटलिपुत्र पहुंचे । शाम ढल चुकी थी , चाणक्य गंगा तट पर अपनी कुटिया में, दीपक के प्रकाश में कुछ लिख रहे थे। कुछ देर बाद जब सेनापति भीतर दाखिल हुए, उनके प्रवेश करते ही चाणक्य ने सेवक को आवाज़ लगायी और कहा …
Read More »निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहेंगे। (keep moving forward)
हिन्दू धर्म में दीपक को अग्नि देव का स्वरूप माना गया है। अग्नि देव की उपस्थिति से नकारात्मक उर्जा एवं बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। आत्मा प्रकाशित होती है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है। उपनिषद् में लिखा है कि तमसो मा ज्योतिर्गमय इसका अर्थ है अंधेरे से प्रकाश की ओर चलो। प्रकाश नूतनता और नवीनता का सूचक है। …
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