ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम, विनय भरा ह्रदय करे सदा जिन्हें प्रणाम। ह्रदय कमल, नयन कमल, सुमुख कमल, चरण कमल, कमल के तुम तेज पुंज छवि ललित ललाम, ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम॥ राम सा पुत्र ना राम सा भ्राता, राम सा पति नहीं राम सा त्राता। राम सा मित्र ना राम सा दाता, …
Read More »Tag Archives: धनवान
माता रानी फल देगी आज नहीं तो कल देगी
माता रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी । हर पल माँ का ध्यान लगा, वो खुशिओं के पल देगी ॥ कोई जाने ना जाने, महामाया की माया निर्धन को धनवान करे, दुखों के दुःख दर्द हरे । निर्बल को माँ बल देगी, आज नहीं तो कल देगी ॥ ‘चंचल’ माँ के दर पे आ, माँ को अपना हाल …
Read More »प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी
जाकी अंग-अंग बाज़ सामानी प्रभु जी ! तुम धनवान हम मुरा जैसे चितवाट चंद्रा चकोरा प्रभु जी ! तुम . हम बाटी जाकी ज्योत बारे दिन राती प्रभु जी ! तुम मोटी हम धागा जैसे सोने मे मिलत सुहागा प्रभु जी ! तुम स्वामी हम दासा ऐसी भक्ति कर रे डासा प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी ज़की अंग-अंग …
Read More »सुखी आदमी की कमीज़
एक बार एक राजा था। उसके पास सब कुछ था लेकिन वह सुखी नहीं था। वह समझ नहीं पाता था कि कैसे ख़ुश रहा जाए? उसे यह लगने लगा कि वह बीमार है जबकि वह बिलकुल स्वस्थ दिखता था। राजा के आदेश पर राज्य के एक से एक अच्छे डॉक्टरों को बुलाया गया लेकिन कोई भी उसका इलाज नहीं कर …
Read More »पारस
‘एक बहुत गरीब आदमी था । अचानक उसे कहीं से पारस-पत्थर मिल गया। बस फिर क्या था ! वह किसी भी लोहे की वस्तु को छूकर सोना बना देता। देखते ही देखते वह बहुत धनवान बन गया ।’ बूढ़ी दादी माँ अक्सर ‘पारस पत्थर’ वाली कहानी सुनाया करती थी । वह कब का बचपन की दहलीज लांघ कर जवानी में …
Read More »यह जिन्दगी का कटु सत्य है। (This is the harsh reality of life.)
पुराने ज़माने की बात है। किसी गाँव में एक सेठ रहेता था। उसका नाम था नाथालाल सेठ। वो जब भी गाँव के बाज़ार से निकलता था तब लोग उसे नमस्ते या सलाम करते थे , वो उसके जवाब में मुस्कुरा कर अपना सिर हिला देता था और बहुत धीरे से बोलता था की घर जाकर बोल दूंगा एक बार किसी …
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