हारे के सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा, हम तो खरे तेरे दुआरे, सुंले करूँ पुकार लाख चाहूं मगर बात बनती नही क्या करू, नाव भटके मेरी पार लगती नही किया करू, कैसे नैया होगी पार, गयी च्छुत पतवार, आब आके तू हाथ लगजा हारे की सहारे आजा, तेरा दास पुकारे आजा, हम तो खरे तेरे दुआरे, सुंले करूँ पुकार …
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