धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैयामैं ग्वालन बरसाने की अरे भला मैं ग्वालन बरसाने की सिर पर घड़ा घड़ी पर गगरीसूरत लगा ले पनघट की रे भला सूरत लगा ली पनघट कीघड़ा उतार पार पर रख दिया सूरत लगा ली खीचन की रे भलासूरत लगा ली खीचन की घड़ा उठाएं शीश पर रख लियासूरत लगा ली महलन की रस्ते …
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