कैसी अओ मई कनाई तेरी गोकुल नागरी बड़ी धूर नागरी रात को अओ कहना दार मोहे लागे दिन मई अओ तो देखे सारी नागरी धूर नागरी बड़ी धूर नागरी सखी सांग अओ कना सारम मोहे लागे अलेलेई अओ तो भूल जौ डगारी धूर नागरी बड़ी धूर नागरी धीरे धीरे चालू तो कमर मोहरी लचके जाटपट चालू तो जलकाए गागरी धूर …
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