ना लेकर कुछ आया रे बंदे ना लेकर कुछ जायेगा-2 ना लेकर कुछ आया रे बंदे ना लेकर कुछ जायेगा,भज गोविन्दम मूढ़मते हरि भक्ति काम ही आयेगा,ना लेकर……….. झूठी शान और कंचन काया अपनी जिसपे नाज़ किया,डोर साँस की जैसे टूटी तू मिट्टी कहलायेगा,ना लेकर ………. धन संपदा महल अटारी मर जर के जो खड़ा किया,कुछ भी साथ न जाने …
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