किसी गाँव में एक पंडित थे। वह सभी शास्त्रों के अच्छे जानकार थे। वह सब कुछ जानते थे, लेकिन, इतने ज्ञानी होने के बाबजूत भी वो गरीब थे। उसके पास घर नहीं था। वह अपना भोजन भी बड़ी कठिनाइयों से प्राप्त करते थे। यहां तक कि उसके पास पहनने को अच्छे कपडे भी नहीं थे। उनके कपडे फटे हुए थे।पंडित …
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अंतिम सत्य
ऐसी उपनिषद में प्यारी कथा है। याज्ञवल्क्य छोड़ कर जा रहा है। जीवन के अंतिम दिन आ गए हैं और अब वह चाहता है कि दूर खो जाए किन्हीं पर्वतों की गुफाओं में। उसकी दो पत्नियां थीं और बहुत धन था उसके पास। वह उस समय का प्रकांड पंडित था। उसका कोई मुकाबला नहीं था पंडितों में। तर्क में उसकी …
Read More »हम कल के लिए आज नहीं सोचते
एक नगर में एक संपन्न सेठजी रहते थे। वह दिनभर खूब मेहनत से काम करते थे। एक दिन उन्हें न जाने क्या सूझा कि अपने मुनीम को बुलाकर कहा, ‘पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है?’ कुछ दिन बाद मुनीम हिसाब लेकर आया और सेठ जी से बोला, ‘जिस हिसाब से आज खर्चा …
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