मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया, सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया, यहां कोई नहीं पराया। एक बाग़ के फूल हैं सारे,एक हार के मोती, जितने हैं संसार में प्राणी,सबमे एक ही ज्योति भूल गए उस परम-पिता को जिसने हमे बनाया, सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया, यहां कोई नहीं पराया। एक पिता के बच्चे है हम,एक …
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उमर का पंछी उड़ता जाता
क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे किससे पता है कल क्या होगा पता नही किस पल क्या होगा कल चकरा चलता मद माता क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे ||1|| उमर का पंछी उड़ता जाता क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे कची ससों की क्या आशा कर जाए कब बाँध तमाशा तू मूरख मान क्यो बरमाथा क्यो …
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