बल्ले बल्ले मैं मैया द फ़क़ीर हो गया, ओहदे रंगां विच रंगी तस्वीर हो गया, १. नाम वाले रंग विच मैनू दिता रंग माँ, इस तों इलावा मेरी होर कोई मंग ना, मिली नाम वाली दौलत अमीर हो गया, बल्ले बल्ले मैं मैया द……., २. लोकी मैनू आखदे ने हो गया शुदाई ऐ, अपनी ना होश, होश जग दी भुलाई …
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फ़क़ीर का उपदेश
एक बार गाँव में एक बूढ़ा फ़क़ीर आया । उसने गाँव के बाहर अपना आसन जमाया । वह बड़ा होशियार फ़क़ीर था । वह लोगों को बहुत सी अच्छी-अच्छी बातें बतलाता था । थोड़े ही दिनों में वह मशहूर हो गया । सभी लोग उसके पास कुछ न कुछ पूछने को पहुँचते थे । वह सबको अच्छी सीख देता था …
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