फागुन में होली खेलु गी मैंने कर ली है फुल तयारी कान्हा मोहे ला दे पिचकारीतू किनसे होली खेलेगी बतलादे ओ राधा प्यारी मत मंगवावे तू पिचकारी…. मैं रंग बहुत सो ले आईमैंने चार मटकिया घडवाईमो को तो सब को रंगना है चाहे आवे कोई नर और नारीकान्हा मोहे लागे पिचकारीतू किनसे होली खेलेगी बतलादे ओ राधा प्यारी मत मंगवावे …
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