एक बार भगवान बुद्ध से किसी भिक्षु ने पूछा, ‘तथागत! ईश्वर है या नहीं है? बुद्ध ने सीधा उत्तर न देकर प्रश्नकर्ता भिक्षु से कहा, मनुष्य की समस्या ईश्वर के होने या न होने की नहीं है। मनुष्य की मुख्य समस्या है उसके जीवन में आने वाले दुखों की।’ तथागत ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए तब कहा, ‘तुम …
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जैसी भावना वैसी मनोकामना
एक बार भगवान बुद्ध एक शहर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने प्रवचन के बाद आखिर में कहा, ‘जागो! समय हाथ से निकला जा रहा है।’ इस तरह उस दिन की प्रवचन सभा समाप्त हो गई। सभा के बाद तथागत ने अपने शिष्य आनंद से कहा, थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। आनंद, भगवान बुद्ध के साथ चल दिए। अभी …
Read More »यदि आत्मज्ञान प्राप्त हो जाए तो इसे लोगों में बांटें
महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …
Read More »धीरज और शांति का महत्त्व
एक दिन भगवान बुद्ध कहीं जा रहे थे, उनके साथ उनका एक शिष्य भी था जिसका नाम था आनंद । वे पैदल चलते हुए बहुत दूर निकल गए। ज्यादा चलने के कारण वे थक गए थे इसलिए रास्ते में आराम करने के लिए वे एक पेड़ के नीचे रुक गए। अचानक से भगवान बुद्ध को बहुत जोर की प्यास लगी। …
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