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Tag Archives: भावना

यदि आत्मज्ञान प्राप्त हो जाए तो इसे लोगों में बांटें

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महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …

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Itani Shakti Hme

Itani Shakti Hme Bhajan

इतनी शक्ति हमें दे न दाता मन का विशवास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे हमेशा भूलकर भी कोई भूल हो ना हर तरफ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा सहमा सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत …

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भावना की ज्योत को जगा के देख ले

Chithi Ayi Hai Ayi Hai Chithi Ayi Hai Bhajan

भावना की ज्योत को जगा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले सौ बार चाहे आजमा के देख ले बोलती है मूर्ती,बुला के देख ले आओ माँ…आओ माँ… आओ माँ…आओ माँ… करोगे जो सवाल तो जवाब मिलेगा यहां पुण्य-पाप सबका हिसाब मिलेगा भले-बुरे  सबको पहचानती है माँ खरी-खोटी सबकी ही जानती है माँ श्रद्धा से सर को झुका …

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आम का पेड़

Aam kaa ped

कुंतालपुर का राजा बड़ा ही न्याय प्रिय था| वह अपनी प्रजा के दुख-दर्द में बराबर काम आता था| प्रजा भी उसका बहुत आदर करती थी| एक दिन राजा गुप्त वेष में अपने राज्य में घूमने निकला तब रास्ते में देखता है कि एक वृद्ध एक छोटा सा पौधा रोप रहा है| राजा कौतूहलवश उसके पास गया और बोला, ‘‘यह आप किस चीज का …

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  सर्वव्यापक परमात्मा – भगवान श्रीविष्णु

Two friends devotee

सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्रीविष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है। वे निर्गुण भी हैं और सगुण भी। वे अपने चार हाथों में क्रमश: शंक, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं। जो किरीट और कुंडलों से विभूषित, पीतांबरधारी, वनमाला तथा कौस्तुभमणि को धारण करने वाले, सुंदर कमलों के समान नेत्र वाले भगवान श्रीविष्णु …

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