om karpoor gauram karunaavataaram, sansaarasaaram bhujagendrahaaram ओम करपुर गौरम करुणावतारम, संसारसारम भुजेगेंड्रहाराम, सदा बसंतम हृदयाविंदे, भवाँ भवानी साहितम नामामी, शीश गांग आराधांग पार्वती, सदा विराजत कैलासी,नंदी भरिंगी नृत्या करात है, गन भक्टं शिव के दासी,शीतल मंद सुगंध पवन बहे, जहा बैठे शिव अविनासी,करात गान गंधरवा सप्तसूर, राग रागिनी आती गासी,यक्ष रक्ष भैरव जहा डोलात, बोलत है बन के बासी,कोयल शब्द …
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