गले में नागो की माला जट्टो में गंगा जी की धारा महादेवा भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं तेरी सेवा, दिल करता है जल मैं चडाऊ, जल लेने को नदियों में जाऊ नदिया देने को तेयार मछली करती है इनकार महादेवा भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं तेरी सेवा, दिल करता है …
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जे गणेश…
माता जाकी पार्वती पिता जे गणेश……. लड्डूवन को भोग लगे संत करे सेवा (2) जे गणेश……. एक दाँत दयावांत चार भुजा धारी (2) माथे पे सिंदूर सोहे म्यूज़्ज़ की सवारी (2) दुखियो के दूख हारत परमानंद देव ||1|| जे गणेश……. अंधन को आँख डाट कोढ़ियाँ को काया (2) बांझाँ को पुत्रा दे निर्धन को माया (2) भाव से पार करो …
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